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गरीबी शायरी – Garibi Shayari
मरहम लगा सको तो किसी गरीब को लगा देना
यहां हकीम कई मिल जायेंगे अमीरो के इलाज़ खातिर
marham laga sako to kisi garib ko laga dena
yahan haakim kai mil jayenge amiro ke ilaaz khaatir
किसी गरीब को आज हँसते हुए देखा ,
खुशिओं का ताल्लुक दौलत से कहाँ होता है
Daualat shayari
kisi gareeb ko aaj hanste hue dekha
khushiyon ka taalluk daulat se kahaan hota hai
कभी आंसू कभी ख़ुशी बेची हम गरीबों ने बेबसी बेची,
चंद सांसे खरीदने के लिए रोज जिंदगी बेचीं
kabhi aanshu kabhi khushi bechi ham garibo ne bebasi bechi
chand saanse kharidne ke liye roj hamne jindagi bechi
ये गंदगी तो अमीरो के है साहब ,
गरीब तो सड़कों से थैलीयाँ उठाया करते है
ye sehar ki gandagi to amiro ke hai shahab
garib to sadko pe thailiyaan uthaaya karte hain
gareebi status
shayari on gareebi
जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं,
आबाद उन्हीं के भरोसे महल वाले रहते हैं
लगता है मुझ गरीब के खून में बर्फ भरा है
कोई भी जलील कर देता है लेकिन खून नहीं खौलता मेरा
भूख ने निचोड़ कर रख दिया है हमें
हमारे हालात ना पूछो तो अच्छा है
मज़बूरी में इज्जत लगी है दांव पर
गरीबी क्या है लिखा है मेरे नंगे पाँव पर
Amiri Garibi Shayari
बच्चा समझ कर खेलते रहे जो रिश्तों से
उनके हालात ना देखो तो अच्छा है
इस बार बह गए है छप्पर जिनके
कैसे गुजरी रात उनकी ना जानो तो अच्छा है
वो गुरूद्वारे की खिचड़ी भी खाता है
अल्लाह के खीर भी खाता है
वो भूखा आदमी है जनाब
उसे कहाँ मजहब समझ आता है
gareebi shayari in hindi
मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है
गरीबी जानती है बिछौने कम हैं बिठाने को
जिस गरीब के घर में एक दिया ना जला हो
एक अमीर का पटाखा अक्सर छप्पर जला जाता है
Gareebi Shayari
गरीबों के बच्चे भी खाना खाए त्योहारों में
भगवान खुद को बेच देता है बाजारों में
उसने यह सोचकर जुदा कह दिया
गरीब हैं, मुहब्बत के सिवा और क्या देगा
2 line shayari on gareebi
छीन लेता है हर चीज़ ऐ खुदा
तेरी गरीबी अभी तक खत्म नहीं हुई क्या
garib ki beti
हलकी आहट जगा देती है उसको रातो को
गरीब को बेटी देता है तो दरवाजे का ख्याल रखना
मैं कड़ी धूप में जलता हु
घर का उजाला रौशन रहे