नशा शायरी (Nasha Shayari ) दोस्तों इस पेज पर हमने आपके लिए नशा शायरी पेश किया हैं, यहाँ मशहूर शायरों के नशा के बारे में शेर दिए गए हैं,कुछ aankhon ka nasha shayari,tere pyar ka nasha shayari,sharab ka nasha shayari,nasha shayari in urdu,tera nasha shayari,nasha shayari facebook,nasha shayari image , शेर व्हाट्सप्प ,फेसबुक स्टेटस डालने के हिसाब से भी लिखे गए हैं. यह नशा शायरी का एक सबसे बड़ा संग्रह है, नशा के बारे में मशहूर शायरों ने बहुत कुछ कहा है, नशा पर शेर एक पेज पर पढ़कर आपको अच्छा लगेगा, यहाँ नशा शायरी पर शेर संकलित जमा किये गए है.
Drug Addiction shayari
हज़ार दर्द शब-ए-आरज़ू की राह में है
कोई ठिकाना बताओ कि क़ाफ़िला उतरे
क़रीब और भी आओ कि शौक़-ए-दीद मिटे
शराब और पिलाओ कि कुछ नशा उतरे
~Faiz Ahmad Faiz
ये कैसा नशा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ
तू आ के जा भी चुका है मैं इंतिज़ार में हूँ
~Munir Niazi ~
‘ग़ालिब’ छुटी शराब पर अब भी कभी कभी
पीता हूँ रोज़-ए-अब्र ओ शब-ए-माहताब में
मिर्ज़ा ग़ालिब
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
मुनव्वर राना
ठुकराओ अब कि प्यार करो मैं नशे में हूँ
जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ
शाहिद कबीर

रोक दो नशे के दरिया में, बहते हुए पानी को।
अभी भी वक्त है, बचा लो देश की जवानी को।।
Drug Addiction shayari in hindi
यूँ बिगड़ी बहकी बातों का
ज्यादा शौक़ नही है मुझको,
वो पुरानी शराब के जैसी है
असर अक्सर उतरता ही नहीं।
चले तो पाँव के नीचे कुचल गई कोई शय
नशे की झोंक में देखा नहीं कि दुनिया है
शहाब जाफ़री
नश्शा उस की नशीली आँखों का
सब से अच्छी शराब जैसा है
-इक़बाल पयाम
मुफ़्लिसी होश उड़ा देती है इंसानों के
ये नशा कम हो तो दौलत का नशा चाहते हैं
मासूम अंसारी
पीने की शराब और जवानी की शराब और
हुश्यार के ख़्वाब और हैं मदहोश के ख़्वाब और
साइल देहलवी
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में ‘फ़िराक़’
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए
फ़िराक़ गोरखपुरी
ख़ुश्क बातों में कहाँ है शैख़ कैफ़-ए-ज़िंदगी
वो तो पी कर ही मिलेगा जो मज़ा पीने में है
अर्श मलसियानी

Nasha shayari
नश्शा था ज़िंदगी का शराबों से तेज़-तर
हम गिर पड़े तो मौत उठा ले गई हमें
इरफ़ान अहमद
न तुम होश में हो न हम होश में हैं
चलो मय-कदे में वहीं बात होगी
बशीर बद्र
जवानी में इस तरह मिलती हैं नज़रें
शराबी से मिलता है जैसे शराबी
नज़ीर बनारसी
आलम से बे-ख़बर भी हूँ आलम में भी हूँ मैं
साक़ी ने इस मक़ाम को आसाँ बना दिया
असग़र गोंडवी

ये वाइज़ कैसी बहकी बहकी बातें हम से करते हैं
कहीं चढ़ कर शराब-ए-इश्क़ के नश्शे उतरते हैं
लाला माधव राम जौहर
वक्त रहते जो न जागे तुम, तो अनर्थ हो जाएगा।
नशे की लत से तुम्हारा, सारा जीवन व्यर्थ हो जाएगा।।
अंगड़ाइयों से कहीं दम निकल न जाए
आसाँ नहीं है रंज उठाना ऐसे ख़ुमार का
दिल ओ निगाह पे क्यु छा रहा है ऐ साकी
तेरी आँख का नशा शराब से पहले…
शायर मस्त हो जाता तारीफ़-ए-शेर कीआह में
सौ बोतलों का नशा है इस “वाह” “वाह” में
किसी की आँख में मस्ती तो आज भी है वही
मगर कभी जो हमें था ख़ुमार, जाता रहा
~जावेद अख़्तर
famous nasha shayri
गले में डाल दो बाँहों का हार होली में
उतारो एक बरस का ख़ुमार होली में
मिलो गले से गले बार बार होली में
Nazeer Banaras
नशा फूंक कर है बढ़ी, किसकी अबतक शान ?।
चिता सरीखा तन जले, घर हौवै शमशान ||
बालीवुड का हित यही, समझो ध्यान लगाय।
सभी नशे से मुक्त हो, ऐसा होय उपाय।।
वीर शिवा की भूमि पर, बंद करो यह पाप।
मर्यादा का जन्म हो, तभी मिटेगा ताप।
मुख़्तसर सी ज़िंदगी के अजीब से अफ़साने हैं , यहाँ तीर भी चलाने हैं और परिंदे भी बचाने हैं….
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