chanakya neeti in hindi
chanakya neeti in hindi love
संकट में बुद्धि भी काम नहीं आती है।
जो जिस कार्ये में कुशल हो उसे उसी कार्ये में लगना चाहिए।
किसी भी कार्य में पल भर का भी विलम्ब ना करें
Chanakya Niti Dushman
अगर शत्रु आपसे अधिक बलशाली है तो उसे उसी की तरह व्यवहार करके पराजित किया जा सकता है,
अगर शत्रु आपके समान बलशाली है तो उसे विनय पूर्वक पराजित किया जा सकता है,
शत्रु से घिरे होने पर भागना नहीं चाहिए । इससे आपकी शक्ति क्षीण हो सकती है।
chanakya’s niti darpan
अपने शत्रु से एक खिलाडी की तरह निपटना चाहिए|
आप कभी भी अपने दुष्मन को घायल करके न छोड़े, क्योकि एक घायल शत्रु को आपसे बदला लेने की इच्छा और अधिक जागरूक हो जाती है.| Chanakya Niti Dushman |
कभी भी अपने शत्रु के अच्छे व्यहवार और उसकी सच्ची मित्रता पर भरोसा न करे| Chanakya neeti dushman |
आचरण से व्यक्ति के कुल का परिचय मिलता है । बोली से देश का पता लगता है । आदर-सत्कार से प्रेम का तथा शरीर को देखकर व्यक्ति के भोजन का पता चलता है
जिस से प्रेम होता है उसी से भय भी होता है । प्रेम ही सारे दुःखो का मूल है, अतः प्रेम – बन्धनों को तोड़कर सुखपूर्वक रहना चाहिए ।
चाणक्य नीति दुश्मन
वही पत्नी है, जो पवित्र और कुशल हो । वही पत्नी है, जो पतिव्रता हो । वही पत्नी है, जिसे पति से प्रीति हो । वही पत्नी है, जो पति से सत्य बोले
किसी सभा में कब क्या बोलना चाहिए, किससे प्रेम करना चाहिए तथा कहां पर कितना क्रोध करना चाहिए जो इन सब बातों को जानता है, उसे ज्ञानी व्यक्ति कहा जाता है ।